सांसदों के वेतन कटौती की अधिसूचना - जारी, कैबिनेट ने सोमवार को दी थी मंजरी


 


 


- नई दिल्ली। कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए संसद सदस्यों की वेतन में 30 फीसदी के कटौती की अधिसूचना जारी कर दी गई है. इसी के साथ संसद सदस्यों से जुड़ा वेतन, भत्ते एवं पेंशन (संशोधन) अध्यादेश 2020 तत्काल प्रभाव से लागू हो गया. यह अध्यादेश संसद सदस्यों का वेतन, भत्ते एवं पेंशन अधिनियम 1954 में एक नई उप धारा जोड़ता है जो वेतन कम करने से जुड़ा है इस नए प्रावधान के अनुसार, कोरोना महामारी से उपजी मांगों को पूरा करने के लिए सांसदों के वेतन एक साल के लिए 30 फीसदी कम किए जाते हैं जो एक अप्रैल 2020 से प्रभावी है. मंगलवार को इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई इससे जुड़े अध्यादेश को केंद्रीय कैबिनेट ने सोमवार को मंजूरी दी थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में दो फैसले लिए गए थे. पहले फैसले के मुताबिक सभी सांसदों की सैलरी में एक साल के लिए 30 फीसदी कटौती की गई. दूसरे फैसले के अनुसार दो साल के लिए सांसद निधि (MPLAD) को खत्म कर दिया गया. इस फंड का इस्तेमाल कोरोना वायरस से लड़ने में किया जाएगा. कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि एक साल तक सभी सांसदों की सैलरी में 30 फीसदी की कटौती करने का फैसला किया है. सांसदों की इस सैलरी का इस्तेमाल कोरोना वायरस से लड़ने के लिए किया जाएगा. अगले संसद सत्र में इससे जुड़े अध्यादेश की जगह सरकार एक विधेयक लाएगी. अध्यादेश में कहा गया है कि कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए यह ज्यादा जरूरी है शेष पेज 6 पर