झांसी। इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी के द्वारा अन्तरराष्ट्रीय नर्स दिवस मण्डल प्रभारी मनमोहन मनु के संयोजन में मनाया गया। इस मौके पर जीवन को सहेजने वाली देवी- नर्स को नमन करते हुए सम्मानित किया गया।
चेयरमैन आचार्य हरिओम पाठक ने कहा कि नोबल नर्सिंग सेवा की शुरुआत करने वाली फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्मदिवस पर हर वर्ष दुनिया भर में 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। किसी भी देश में नर्सों की कमी उस देश के खराब चिकित्सा व्यवस्था को बताती है। नर्सों की कमी का सीधा प्रभाव नवजात शिशु एवं बाल मृत्यु दर पर पड़ता है। इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी के वाइस चेयरमैन सुदर्शन शिवहरे ने कहा कि इस दिन को मनाने का मुख्य कारण दुनिया भर की सभी नर्स को सम्मान प्रदान करना है। क्योंकि एक चिकित्सक भी नर्स के बिना अधूरा रहता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2020 को द इयर ऑफ द नर्स एंड मिडवाइफ के रूप में नामित किया है क्योंकि यह संस्थापक नाइटिंगेल के जन्म की 200वीं वर्षगांठ है। इस वर्ष की थीम नर्स ए वायज टू लीड नर्सिंग द वर्ल्ड टू हेल्थ निर्धारित है। यह थीम हमें बताती है कि नर्स की स्वास्थ्य चुनौतियों में केंद्रीय भूमिका है, इसलिए नर्स और जनता को इस दिन को बड़े दिन का जश्न जैसा मनाना चाहिए। यह थीम नर्सिंग परिवार में नई पीढ़ी को आकर्षित करने में मदद करेगा। इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी उत्तर प्रदेश के प्रांतीय प्रबंधकारिणी सदस्य एवं मंडल प्रभारी मनमोहन मनु ने कहा कि एक नर्स ही होती है जो अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरों का जीवन बचाती है। कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल करना नर्सों का ही हौसला है। नर्स बहन-भाई इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में हमारे अग्रिम पंक्ति के योद्धा हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा में कुछ नर्स क्वारेन्टाइन तक पहुंच रही है, फिर भी मरीजों की सेवा में लगातार समर्पण भाव से जुटी हुई हैं, उनको नमन है। रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा नर्सों के सम्मान में तालियां बजाई गईं। शाम को दीपक जलाकर रोशनी फैलाने की रणनीति बनाई गई। रेडक्रॉस सोसायटी ने मास्क, सेनेटाइजर, ग्लब्स का वितरण किया।