"लाल चौक जाएंगे, तिरंगा वहीं लहराएंगे"- इसी नारे के साथ अनुराग ठाकुर ने अपनी राष्ट्रीय एकता यात्रा को आक्रामक राष्ट्रवाद के रंग में रंगने की कोशिश की थी.
इस यात्रा के ज़रिए 2011 में संकटग्रस्त कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा फहराकर उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति को मज़बूत किया था.इस यात्रा के दौरान उन्हें लखनपुर (जम्मू) में रोक दिया गया और उनके साथ भाजपा नेता स्वर्गीय सुषमा स्वराज,अरुण जेटली और अन्य लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया था.तब से अब तक घाटी में बहुत कुछ बदल चुका है. हालात भी, उनकी भूमिका भी, उनका क़द भी और उनका पद भी.आज से लगभग नौ साल पहले जो अनुराग ठाकुर भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष थे, अब वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री हैं. अगर कुछ नहीं बदला है तो वो है अनुराग ठाकुर का सुर्ख़ियों में बने रहने का शगल.ये बात और है कि इस बार वो अलग वजहों से सुर्ख़ियों में हैं.नरेंद्र मोदी सरकार के यह युवा मंत्री फिलहाल विवादों में हैं.दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र बीजेपी ने अपने अभियान को तेज़ कर दिया है. बीजेपी के तमाम स्टार प्रचारकों की तरह अनुराग ठाकुर भी पार्टी प्रचार कर रहे थे. इसी दौरान दिल्ली के रिठाला में हुई रैली में अनुराग ठाकुर के नए नारे "देश के ग़द्दारों को..." ने उन्हें विवादों का नया केंद्र बना दिया है