उरई(जालौन)। दूसरों का उपचार करते करते जब जिले के एक चिकित्सक को कोरोना वायरस ने अपने संक्रमण के दायरे में लिया था तो उसी समय उसने जनपद में दस्तक दी थी। करीब एक पखवाड़े से लखनऊ में इलाज ले रहे उक्त चिकित्सक ने शनिवार को लखनऊ के केजीएमयू में आखिरी सांस ली। इसके बाद तो जिले में एक तरह की सनसनी फैल गयी।
जिला चिकित्सालय में कार्यरत कोरोना पजिटिव पाए गए चिकित्सक की आज केजीएमयू लखनऊ में उपचार के दौरान मौत होने से जिले में हड़कंप मच गया है। जिले में कोरोना संक्रमण से यह पहली मौत है। किंग जार्ज मेडिकल कालेज द्वारा जारी बुलेटिन के मुताबिक शनिवार को 2 जांच रिपोर्टें निगेटिव आने के बाद भी उरई के सरकारी चिकित्सक की मूत्राशय के संक्रमण के कारण मौत हो गयी। उनकी पत्नी भी संक्रमित पायी गयी थीं जो आज जांच में वायरस मुक्त पायी गयीं उन्हें कल डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। बुलेटिन में बताया गया है कि उक्त चिकित्सक उत्तर प्रदेश में पहले मरीज थे जिन्हें प्लाज्मा थेरेपी दी गयी थी। इसके बाद उनके फेफड़ो में सुधार आया था़। वेंटीलेटर की जरूरत भी कम हो गयी थी़। सबसे बड़ी बात यह है कि आज 2 बार की जांच में वे कोरोना मुक्त पाए गये लेकिन मूत्राशय का संक्रमण उनकी मौत का कारण बन गया। इधर उनकी मौत की खबर के बाद उनके सगे संबधी लखनऊ पहुंच गये। चिकित्सक की मौत से जनपदवासी स्तब्ध हैं।
जिले के पहले कोरोना मरीज चिकित्सक की इलाज दौरान मौत