मुंबईः पीएमसी बैंक घोटाले के 5 आरोपी सलाखों के पीछे हैं. लेकिन इससे खाताधारकों का दर्द कम नहीं होने वाला है. बैंक खाताधारकों को अपनी जमापंजी चाहिए. लेकिन उन्हें मिल नहीं रही है. जिसके चलते हर किसी की अपनी दर्द भरी कहानी है, हर तरफ से खाताधारक बेबस हैं. घाटकोपर इलाके के रहने वाले 34 साल के रमेश गुप्ता को पैसे की सख्त जरूरत है. क्योंकि इनके पिता को हार्ट अटैक आया है और डॉक्टर ने सर्जरी कराने को कहा है. लेकिन रमेश के पास पैसे नहीं है. रमेश ओला-उबर की टैक्सी चलाकर घर चलाते हैं और ओला उवर एप का खाता सीधे पीएमसी बैंक से जुड़ा है. रमेश के 74 हजार रुपये बैंकखाते में जमा हैं जबकि 80 हजार रुपये की एक एफडी है. लेकिन ये सब मुश्किल वक्त में काम नहीं आ रहा है. एक अन्य खाता धारक अनिल तिवारी का भी यही दर्द है. आंखों में आंसू हैं क्योंकि भाई का इलाज कराना है. लेकिन बैंक में जमा पूंजी फंस गई है. अनिल के मुताविक उनके भाई की किडनी फेल हो चुकी है. नवंबर में किडनी ट्रांसप्लांट किया जाना है. लेकिन पैसे नहीं है. वेटा मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है. उसकी फीस भेजनी है. खुद डाइबीटिज विचार को महत्व के मरीज हैं. लेकिन रोज पीएमसी बैंक के चक्कर लगाते हैं.तिवारी रोते रोते मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पीएम नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाते हैं. 54 साल के दीपक की 8 दिसंबर को बेटी की शादी होनी है. लेकिन पीएमसी बैंक घोटाला ने पूरे परिवार के सपने पर पानी फेर दिया. दीपक ने शादी की पूरी तैयारियां कर ली थी. बैंक्वेट हॉल से लेकर कई जगह बुकिंग करा ली. लेकिन अब पैसे चुकाने की मुश्किल है. दीपक हाल ही में रिटायर हुए हैं. इनका 35 लाख रुपया बैंक में जमा है. लेकिन अब अपने पैसे के लिए भी बैंक के चक्कर लगाने की मजबूरी देती है : शाह है. हालांकि इस बीच घोटाले के आरोपी रियल एस्टेट समूह एचडीआईएल के प्रमोटरों राकेश और सारंग वधावन ने आरवीआई और जांच एजेंसियों से पीएमसी बैंक का बकाया चुकाने के लिए अपनी संपत्तियां बेचने का अनुरोध किया है. ये दोनों पीएमसी बैंक घोटाले में मुख्य आरोपी हैं. वधावन पिता-पुत्र के प्रवक्ता ने एक पत्र जारी किया है. मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के अनुसार, पंजाब एंड महाराष्ट्र कॉओपरेटिव बैंक का घोटाला 4,355 करोड़ रुपये का है. गिरफ्तार किए गए पिता- पुत्र के हस्ताक्षर वाले पत्र में कहा गया है।