बैंक में किया खाता धारकों को राशन वितरण
उरई (जालौन)। वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण से नागरिकों को बचाने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया है. इस लॉकडाउन में कोई भी भूखा न रहे के उद्देश्य के साथ विश्व का पहला अनाज बैंक लगातार सक्रिय है. देश में देश में कई शहरों में संचालित अनाज बैंक की शाखाएँ अपने स्तर पर सहयोग कर रही हैं। बुन्देलखण्ड की क्षेत्रीय शाखा उरई द्वारा अपनी निकासी खाताधारकों को मई माह का वितरण किया गया। वर्तमान में यह शाखा चौबीस घंटे काम कर रही है। विगत दिनों इसके चौबीस घंटे कार्यशील होने के लिए अनाज बैंक संरक्षक पूज्य इन्द्रेश कुमार जी द्वारा इसका ऑनलाइन शुभारम्भ किया गया था।
विगत माह अप्रैल की भांति इस माह के वितरण में भी जिला प्रशासन का भी सहयोग रहा है. जिलाधिकारी द्वारा बैंक की निकासी खाताधारक महिलाओं के लिए राशन सामग्री की व्यवस्था की गई। अनाज बैंक निदेशक डॉ० अमिता सिंह ने वितरण करने के साथ-साथ सभी महिलाओं को घर में रहने, अनावश्यक रूप से किसी भी वस्तु, व्यक्ति को छूने से बचने, समय-समय पर हाथ धोने के बारे में भी समझाया. उन्होंने कहा कि इस बीमारी से डरने की नहीं वरन उससे बचने की आवश्यकता है. कोई भी राशन अथवा अन्य किसी काम के लिए बाहर न निकले. इसके लिए अनाज बैंक चौबीस घंटे काम कर ही रहा है, साथ ही जिला प्रशासन भी लगातार सहयोग कर रहा है.
लॉकडाउन के प्रतिबंधों के चलते अनाज बैंक निदेशक डॉ० अमिता सिंह द्वारा शाखा में आने वाली सभी महिलाओं के हाथ धोने की समुचित व्यवस्था की गई थी. वितरण के दौरान महिलाओं के बीच आपस में पर्याप्त दूरी रखने का भी पालन किया गया. इसी व्यवस्था का पालन करवाने के लिए विगत वितरण की भांति इस वितरण में भी किसी अन्य को शामिल नहीं किया गया था. लॉकडाउन के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के उद्देश्य से अलग-अलग समयांतराल में अनाज बैंक में बुलाई गईं पचास से अधिक महिलाओं को राशन सामग्री प्रदान करने के साथ-साथ अनाज बैंक द्वारा सभी महिलाओं को मुँह-नाक ढँकने के लिए मास्क भी प्रदान किये गए. इस मास्क की उपयोगिता, इसके उपयोग करने के तरीके के बारे में भी महिलाओं को समझाया गया. इसके अलावा शेष ऐसी महिलाओं को जो चलने में असमर्थ हैं अथवा अत्यंत वृद्ध, अस्वस्थ हैं उनके घर तक उक्त राशन सामग्री पहुँचाई गई.
इस वितरण में शाखा प्रबंधक धर्मेन्द्र कुमार और पौरवी सिंह राणावत द्वारा सहयोग किया गया।